जब भारत में व्रत (उपवास) की बात होती है, तो सबसे लोकप्रिय डिश जो हर किसी के मन में आती है, वह है sabudana khichri। यह रेसिपी न सिर्फ उपवास के समय खाई जाती है, बल्कि अब यह एक हेल्दी और टेस्टी ब्रेकफास्ट या हल्का डिनर ऑप्शन भी बन चुकी है।
Sabudana khichri को बनाना बहुत आसान है, और इसका स्वाद तो लाजवाब होता ही है, साथ ही यह पचने में हल्की, ऊर्जा से भरपूर और बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए उपयुक्त होती है।
इस ब्लॉग में आप जानेंगे:
Sabudana khichri क्या है
इसे उपवास में क्यों खाया जाता है
रोज़ाना खाने के फायदे
Step-by-step विधि
वैरिएशन, पोषण मूल्य, FAQs
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Sabudana khichri एक पारंपरिक भारतीय व्यंजन है, जो मुख्य रूप से व्रत के दौरान खाया जाता है। यह डिश साबूदाना (टैपिओका पर्ल्स), आलू, मूंगफली, हरी मिर्च और हल्के मसालों से तैयार की जाती है।
यह रेसिपी न केवल स्वाद में बढ़िया है, बल्कि हेल्थ के लिहाज़ से भी बेहद फायदेमंद है। इसमें एनर्जी, कार्बोहाइड्रेट, और प्रोटीन का अच्छा मेल होता है जो उपवास के दौरान आपको दिन भर ऊर्जावान बनाए रखता है।
सामग्री | मात्रा |
---|---|
साबूदाना (sabudana) | 1 कप |
पानी | 1 कप (भीगाने के लिए) |
उबले आलू | 1 मध्यम आकार का |
मूंगफली | 1/4 कप (भुनी और दरदरी कुटी हुई) |
हरी मिर्च | 2 बारीक कटी हुई |
घी या मूंगफली का तेल | 2 टेबल स्पून |
जीरा | 1/2 टी स्पून |
सेंधा नमक | स्वादानुसार |
नींबू का रस | 1 टी स्पून |
हरा धनिया | सजाने के लिए |
नोट: यदि आप sabudana khichri को व्रत के अलावा खा रहे हैं, तो सामान्य नमक और प्याज का उपयोग भी कर सकते हैं।
Sabudana khichri बनाने की तैयारी रात में ही शुरू हो जाती है। एक कप साबूदाना को पानी से 2-3 बार अच्छे से धो लें। फिर बराबर मात्रा में पानी डालें और 5-6 घंटे के लिए या रातभर भीगने दें।
साबूदाना जब पूरी तरह फूला हुआ हो और दबाने पर आसानी से टूट जाए, तो वह खिचड़ी के लिए तैयार होता है।
एक पैन में मूंगफली भून लें। भुनने के बाद उन्हें दरदरा कूट लें। यह sabudana khichri को स्वाद और क्रंच दोनों देता है।
एक कढ़ाही में घी या मूंगफली तेल गर्म करें। इसमें जीरा डालें और फिर हरी मिर्च डालकर थोड़ा भूनें। अब इसमें उबले हुए कटे आलू डालें और हल्का भूरा होने तक पकाएं।
अब भीगा हुआ साबूदाना, सेंधा नमक और भुनी मूंगफली डालें। हल्के हाथ से सब कुछ मिक्स करें। धीमी आंच पर 5-6 मिनट पकाएं जब तक साबूदाना पारदर्शी न हो जाए।
गैस बंद करें, ऊपर से नींबू रस और हरा धनिया डालें। गरमा गरम sabudana khichri परोसें दही, चाय या चटनी के साथ।
एनर्जी का स्रोत – साबूदाना में हाई कार्बोहाइड्रेट होता है, जो दिन भर की ऊर्जा देता है।
हल्का और सुपाच्य – पेट पर भारी नहीं पड़ता।
सत्याहारी रेसिपी – इसमें ना प्याज होता है, ना लहसुन।
सेंधा नमक का उपयोग – जो उपवास में स्वीकृत होता है।
Sabudana khichri सिर्फ व्रत तक सीमित नहीं है। इसे आप रोज़ाना भी खा सकते हैं:
हेल्दी ब्रेकफास्ट ऑप्शन – जो हल्का भी है और पेट भरता भी है।
ग्लूटन-फ्री – एलर्जी वालों के लिए उपयुक्त।
किड्स फ्रेंडली – स्वाद ऐसा कि बच्चे भी इसे पसंद करें।
वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए – जल्दी बनने वाली और पोषक रेसिपी।
पोषण तत्व | मात्रा |
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ऊर्जा | 300 kcal |
कार्बोहाइड्रेट | 60 g |
प्रोटीन | 4 g |
वसा | 8–10 g |
फाइबर | 3 g |
आयरन | 1.2 mg |
कैल्शियम | 25 mg |
मूंगफली से प्रोटीन और फैट, साबूदाना से एनर्जी और आलू से फाइबर प्राप्त होता है।
सब्ज़ी वाली sabudana khichri – इसमें गाजर, मटर, शिमला मिर्च आदि डालें।
दही sabudana khichri – ठंडी खिचड़ी को दही के साथ खाएं।
प्याज वाली (गैर-व्रत) – प्याज का तड़का लगाकर रोज़ाना खाया जा सकता है।
टमाटर वर्जन – थोड़ा खट्टा स्वाद चाहिए तो टमाटर डाल सकते हैं।
पनीर खिचड़ी – अतिरिक्त प्रोटीन के लिए पनीर क्यूब्स मिलाएं।
A: यदि साबूदाना ठीक से न भीगा हो या पानी अधिक हो, तो वह चिपकता है। बराबर अनुपात में पानी डालें और टाइमिंग पर ध्यान दें।
A: हाँ, जब इसमें सेंधा नमक, बिना लहसुन-प्याज और शुद्ध घी का प्रयोग किया जाए।
A: आप इसे 1 दिन के लिए फ्रिज में रख सकते हैं। दोबारा गरम करते समय थोड़ा पानी छिड़कें।
A: बिल्कुल, sabudana khichri हल्की होती है और डिनर में भी खाई जा सकती है।
A: हाँ, बच्चों के लिए यह एक अच्छा एनर्जी फूड है। आप मिर्च की मात्रा कम रखें।